व्यक्तिगत निर्धारक
व्यक्तित्व के निर्धारक कारक व्यक्तित्व का अर्थ समझ लेने के उपरांत अब प्रश्न यह है कि ऐसे कौनसे निर्धारक तत्त्व हैं जो व्यक्तित्व की सृष्टि किया करते हैं? क्या व्यक्तित्व का निर्धारण जन्मजात हुआ...
व्यक्तित्व के निर्धारक कारक व्यक्तित्व का अर्थ समझ लेने के उपरांत अब प्रश्न यह है कि ऐसे कौनसे निर्धारक तत्त्व हैं जो व्यक्तित्व की सृष्टि किया करते हैं? क्या व्यक्तित्व का निर्धारण जन्मजात हुआ...
कुछ लोग शांत और विनम्र होते हैं जबकि अन्य लोग सामाजिक और आक्रामक प्रवृत्ति के हुआ करते हैं। कुछ समय के पाबंद और मेहनतशील होते हैं, जबकि कुछेक लोग समय-पालन नहीं करते और आलसी...
व्याक्तगत या Biography घटक सभी मानवों में कुछ विशिष्ट विशेषताएं होती हैं जो स्वभाव से वंशानुगत होती हैं तथा जन्म-जात होती हैं। यह वे गुण होते हैं जिनके साथ एक व्यक्ति पैदा होता है।...
एक इनपुट आउटपुट प्रणाली के रूप में व्यवहार मानव व्यवहार व्यक्ति तथा इस पर्यावरण का फलन है, ‘व्यक्ति’ प्रमुखत: सामान्य जैविकीय लक्षणों द्वारा आकारित होता है तथा पर्यावरण जो बाह्य स्फूर्ति को निर्मित करता...
मानव व्यवहार के घटक – ● मनोवैज्ञानिक तत्त्व 1. व्यक्तित्व : संगठन के किसी कार्य के लिए व्यक्ति कीउपयुक्तता का निर्धारण करते समय उसके व्यक्तित्व तत्त्वों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए। अन्य शब्दों...
व्यक्तिगत व्यवहार का अर्थ :- “व्यक्तिगत व्यवहार का अर्थ है एक व्यक्ति के द्वारा की गई.कार्यवाही।” एक व्यक्ति का व्यवहार विभिन्न घटकों से प्रभावित होता है। उनमें से कुछ तो व्यक्ति में ही होते...
बहुत सी फर्मे सीमित साधनों को बनाये रखने अथवा ऐसे उत्पादों को ही विकसित करना जो पर्यावरण को हानि नहीं पहुँचाते, जैसी सामाजिक विपणन धारणा तो अपना रही तथा इस प्रकार हरित विपणन का...
सामाजिक विपणन सामाजिक लाभप्रद विचारों या व्यवहारों को फैलाने हेतु विपणन विधियों का अनुप्रयोग है। यह बड़े हितधारकों के व्यवहार को परिवर्तित करने हेतु एक रणनीति है। यह सामाजिक परिवर्तन के परंपरागत दृष्टिकोण के...
उपभोक्ता व्यवहार की विशेषताएँ 1. उपभोक्ता व्यवहार के अंतर्गत दो निरीक्षण करने योग्य भौतिक क्रियाएँ शामिल हैं। जैसे बाजार में घूमते हुए, व्यापारिक उत्पादों कानिरीक्षण तथा क्रय एवं अन्य क्रिया जैसे उत्पाद को समझने...
विपणन मिश्रण में परिवर्तन समय तथा परिस्थितियों (दशाओं) के अनुसार, विपणन मिश्रण में परिवर्तन करने होते हैं। उपभोक्ताओं द्वारा मांगों, उनकी पसंद तथा चाहतों, फैशनों, परंपराओं तथा परिपाटियों आदि में दिन प्रतिदिन विभिन्न परिवर्तन...