एक आदर्श मजदूरी व्यवस्था के आवश्यक तत्त्व
एक आदर्श मजदूरी व्यवस्थाके आवश्यक तत्त्व1. सरल विधि- मजदूरी की गणना करने की विधि को सरल हो-चाहिए ताकि कार्मिक उन्हें समझ सकें। यह गणना में भी आसान होनी चाहिए। 2. नतीजे पर आधारित मजदूरी-...
एक आदर्श मजदूरी व्यवस्थाके आवश्यक तत्त्व1. सरल विधि- मजदूरी की गणना करने की विधि को सरल हो-चाहिए ताकि कार्मिक उन्हें समझ सकें। यह गणना में भी आसान होनी चाहिए। 2. नतीजे पर आधारित मजदूरी-...
Meaning of Delivery As per Sec. 2(2) of the Sale of Goods Act, 1930, the voluntary transfer of possession from one person to an other is delivery According to Sec. 33 of the Sale...
Meaning of Transfer of Ownership In the agreements for the sale of goods, the main thing is the transfer of ownership of goods. When the buyer becomes the over of the goods, only then...
Meaning of Contract of Sale According to Sec. 4(1) of the Sale of Goods Act;1930, “A contract of sale is a contract whereby the seller transfers or agrees to transfer the property in goods...
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 प्रारंभिक अध्याय-1 (1)संक्षिप्त नाम, विस्तार और लागू होना- (1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 है। (2) इसका विस्तार सम्पूर्ण भारत पर होगा और इस अधिनियम में...
विनिमय-साध्य विलेख से सम्बन्धित पूर्व-मान्यताएं भारतीय विनिमय-साध्य विलेख अधिनियम की धारा 118 एवं 119 में विनिमय साध्य विलेख से सम्बन्धित कुछ पूर्वमान्यताएं दी गई है। जिन्हें न्यायालय विनिमय साध्य विलेखों के सन्दर्भ में मानता...
विनिमय-साध्य विलेखों की परिभाषा ‘विनिमय साध्य विलेख’ शब्दावली को विभिन्न विद्वानों द्वारा अलग-अलग तरह से परिभाषित किया गया है। थॉमस की राय में, एक लेख पत्र उस समय विनिमय साध्य होता है जबकि कानून...
दि पेटेंट (संशोधन) अधिनियम, 1999 यह अधिनियम भारत में डब्ल्यू.टी ओ आवश्यकताओं के अनुरूप पेटेंट उत्पादों को प्रस्तुत करने की प्रस्तावना जैसा है। इस अधिनियम के द्वारा घरेलू कानून को ट्रिप्स समझौते के अन्तर्गत...
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 भारत एक विशाल देश है, जहाँ अधिकांश उपभोक्ता न केवल गरीब हैं बल्कि असहाय व असंगठित भी है। पुनः भारत में बाजार सामान्यतया विक्रेता-बाजार हैं तथा उपभोक्ताओं को मूर्ख बनाना...
संविदा का अर्थ सर विलियम एन्सन के अनुसार एक संविदा कानून द्वाराप्रवर्तनीय दो या ज्यादा व्यक्तियों के बीच किया गया ऐसा ठहराव है जिसके द्वारा एक या ज्यादा पक्षकारों द्वारा दूसरे या दूसरों के...